एक सीधी छड़ी का विरुप्यण द्वारा गोला बन गया है

सातत्यक यांत्रिकी (Continuum mechanics) में विरुप्यण (Deformation, डिफ़ोरमेशन) किसी वस्तु का किसी आरम्भिक और मानक आकार से बदलकर किसी अन्य आकार में आ जाने की प्रक्रिया को कहते हैं। यह वस्तु पर किसी तनाव, दबाव, प्रहार, भार, गुरुत्वाकर्षण, तापमान-बदलाव, नमी-बदलाव, रासायनिक अभिक्रिया (रियेक्शन) या अन्य किसी प्रभाव से होता है।

लम्ब एवं अपरूपण तनाव

एक समदैशिक तत्त्व के लिए (जो हुक नियम का पालन करता है), एक लंब तनाव एक लंब खिंचाव को ही उत्पन्न करेगा। लंब तनाव फैलाव उत्पन्न करता है।

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एक द्वि-आकार, अतिसूक्ष्म, आयाताकार तत्त्व की कल्पना कीजिये , जिसके आयाम dx*dy हैं (dx और dy अतिसूक्ष्म हैं )।,जो की विकृति के बाद एक विषमकोण का आकार ले लेता है। ज्यामिति से,(कृपया चित्र यहाँ देखिये,दांया माउस बटन दबाकर open link in new tab ):[ [1] ]

लंबाई (AB)= dx

बहुत छोटे विस्थापन ढ़ाल के लिए, अवकलज का वर्ग बहुत छोटा होता है अतः

लंबाई (ab) = dx + {𝝳𝛍(x)/𝝳x}*dx

दिशा में लंब खिंचाव है  लंबाई में बदलाव/शुरुआती लंबाई

इन्हें भी देखें


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