जिन उपकरणों से किसी तरल (द्रव या गैस) की श्यानता मापी जाती है उन्हें श्यानतामापी कहते हैं।
श्यानता गुणांक के शुद्ध, पूर्ण तथा ठीक ठीक निर्धारण के लिए यह आवश्यक है कि श्यानता के यथार्थ आयाम (exact dimensions) मालूम हों, पर यह कठिन कार्य है। औद्योगिक प्रतिष्ठानों में श्यानतामापन के लिए सरल उपकरण, जिन्हें श्यानतामापी कहते हैं, प्रयुक्त होते हैं। इन उपकरणों को उन द्रवों द्वारा अंशांकित कियो जाता है जिनकी श्यानता मालूम है। ये उपकरण साधारणतया केशिका प्रवाह अथवा घूर्ण ऐंठन (rotational torque) के सिद्धांत पर कार्य करते हैं।
केशिकाप्रवाह किस्म के उपकरणों में ओसवाल्ट का बनाया हुआ उपकरण सर्वविदित है तथा सबसे ज्यादा प्रयोग में आता है। इस उपकरण में द्रव के नवचंद्रक (meniscus) के एक स्थिर चिह्न से दूसरे स्थिर चिह्न तक के गिरने का समय मापा जाता है तथा नीचे दिए हुए सूत्र से श्यानता का गुणांक निकाला जाता है। इन उपकरणों को प्रयोग में लाते समय एक मानक आयतन ही लिया जाता है।
गतिक श्यानता (Kinematics viscosity) =
K = h/r = At - B/t ..... ..... (3)
जहाँ h = श्यानतागुणांक है, r = द्रव का घनत्व है, तथा A एवं B = उपकरण स्थिरांक हैं तथा t = द्रवप्रवाह का समय है।
जिन द्रवों की श्यानता बहुत ज्यादा होती है, उनके लिए सूत्र (३) का दूसरा खंड (factor) शून्य होता है और इस प्रकार :
K = h/r = At ...... ..... ..... (4)
अतएव गतिक श्यानताओं का अनुपात, दो द्रवों में, सूत्र (५) द्वारा दिया जाता है :
K1/ K2 = t1/ t2 ..... ..... ..... (5)
तथा यही सूत्र ओसवाल्ट द्वारा प्रयोग में लाया गया था।
घूर्ण ऐंठन पर आधारित श्यानतामापी इस सिद्धान्त पर काम करते हैं कि किसी द्रव में किसी पिण्ड को घूर्णीगति कराने (घुमाने) के लिये आवश्यक बलयुग्म (टॉर्क) उस द्रव की श्यानता का कोई फलन होगा।
यह विधि स्टोक्स के नियम पर आधारित है। किसी वर्तन में वह द्रव भर दिया जाता है जिसकी श्यानता मापनी हो। उस द्रव में एक गोलाकार पिण्ड छोड़ा जाता है जिसका वेग गुरुत्वजनित त्वरण के कारण बड़ता जाता है। किन्तु वेगवृद्धि के साथ उस पर लगने वाला श्यानबल भी बढ़ता जाता है। एक स्थिति ऐसी आती है जब उस पर नीछे की ओर लगने वाला गुरुत्व बल उस पर उपर की ओर लगने वाले उत्प्लावन बल एवं श्यान बल के योग के बराबर हो जाता है। उस स्थिति में इण्द का वेग स्थिर हो जाता है। इस वेग को सावध्हानीपूर्वक नाप लिया जाता है और निम्नलिखित सूत्र की सहायता से श्यानता का मान निकाल लिया जाता है-
जहाँ: