समुद्र विज्ञान में जायर (gyre) किसी सागरीय या महासागरीय क्षेत्र में घूर्णन करने वाले, यानि एक क्षेत्र में घूमने वाले, जल प्रवाह को कहते हैं। जायरों में पानी एक ही बड़े क्षेत्र में गोल-गोल घूमता रहता है। इनमें अक्सर साथ में भारी वायु प्रवाह भी चलता है।
यह देखा गया है कि हमारे महासागरों के जायर क्षेत्रों में समुद्रों में नासमझी से फेंका गया बहुत-सा तैरने वाला मलबा (जैसे कि प्लास्टिक की बोतले आदि) जाकर एकत्रित हो जाता है और वहीं घूमता रहता है। कुछ समीक्षकों के अनुसार इसने हमारे महासागरों में कुछ क्षेत्रों को कूड़ेदान जैसा बना दिया है। प्रशांत महासागर के एक क्षेत्र को अब महान प्रशांत कूड़ेदान (Great Pacific garbage patch) कहा जाता है।
जायर हमारे ग्रह के अपने घूर्णन से होने वाले कॉरिऑलिस प्रभाव से बनते हैं। यह जल व वायु दोनों में भ्रमिलता से घूर्णन का प्रभाव पैदा कर देता है।
पृथ्वी के महासागरों में पाँच प्रमुख जायर हैं: